लगातार मांग के बावजूद कर्मचारियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति न होने पर भारी नाराजगी

लगातार मांग के बावजूद कर्मचारियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति न होने पर भारी नाराजगी

31 जुलाई 2024 तक का दिया समय
विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों के 900 से अधिक पद रिक्त

उत्तराखंड में स्थित 11 राजकीय विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों के 900 से अधिक पदों के लंबे समय से रिक्त रहने पर उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है एवं संगठन द्वारा सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव एवं कुलपतियों को पत्र प्रेषित करते हुए संगठन की इस लंबे समय से चल रही मांग के अनुसार रिक्त पदों पर नियुक्ति करने हेतु विश्वविद्यालय को 31 जुलाई 2024 तक का समय दिया है।

जानकारी देते हुए उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष भूपाल सिंह करायत एवं महामंत्री प्रशांत मेहता ने बताया कि संगठन द्वारा वर्ष 2021 से लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन एवं उत्तराखंड शासन को विश्वविद्यालय में लंबे समय से चले आ रहे रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रारंभ करने का अनुरोध किया जा रहा है। संगठन द्वारा इस हेतु प्रत्येक विश्वविद्यालय में जाकर संबंधित प्रशासन से वार्ता भी की गई। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड शासन के स्तर पर इस हेतु कई दौर की वार्ताएं हुई हैं, जिसमें विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ भी शासन स्तरीय वार्ताएं संपन्न हुई एवं शासन द्वारा विश्वविद्यालयों को निश्चित समयसीमा के अंदर नियुक्ति करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद वर्तमान तक किसी भी विश्वविद्यालय द्वारा कर्मचारियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की कोई भी प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई है, जिससे संगठन में भारी रोष है। नियुक्तियां ना होने के चलते विश्वविद्यालय में कार्यरत नियमित कर्मचारियों पर अतिरिक्त कार्य का बोझ है एवं साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा संविदा, दैनिक, आउटसोर्सिंग नियुक्तियां करते हुए कार्य चलाया जा रहा है। पदाधिकारीयों ने बताया कि वर्तमान में दून विश्वविद्यालय, देहरादून में 56 पद, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में 56 पद, अल्मोड़ा विश्वविद्यालय में 58 पद, मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी में 15 पद, आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून में 72 पद, पंतनगर विश्वविद्यालय में 400 से अधिक पद, भरसार औद्यानिकी विश्वविद्यालय में 280 से अधिक पद, संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में 04 पद, तकनीकी विश्वविद्यालय देहरादून में 20 पद सहित श्री देव सुमन विश्वविद्यालय बादशाहीथौल एवं उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय में सृजित समस्त पद रिक्त हैं जो अत्यंत आपत्तिजनक है।

पदाधिकारीयों ने बताया कि एक तरफ राज्य सरकार विभिन्न राजकीय विभाग में रिक्त पदों पर लगातार नियुक्ति प्रक्रिया संपादित कर रही है। वहीं राज्य के विश्वविद्यालयों की स्थिति अत्यंत दयनीय होती जा रही है। बताया कि महासंघ की देहरादून में आयोजित विगत बैठक में इस पर घोर आपत्ति दर्ज करते हुए सभी विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुल सचिव को पत्र प्रेषित करते हुए विश्वविद्यालयों को दिनांक 31 जुलाई 2024 तक समय देने का निर्णय लिया गया है। इसके बावजूद प्रक्रिया प्रारंभ ना होने की स्थिति में संगठन को आंदोलनात्मक गतिविधि करने को बाध्य होना पड़ेगा। संगठन द्वारा आज प्रेषित उक्त पत्र की प्रतिलिपि उत्तराखंड शासन के संबंधित विभागों के सचिव, मंत्री गणों तथा माननीय मुख्यमंत्री तथा महामहिम कुलाधिपति को भी प्रेषित किया गया है।

संगठन की इस गतिविधि में महासंघ के संरक्षक कुलदीप सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष भारत नैनवाल, पूर्व महामंत्री डा लक्ष्मण सिंह रौतेला, संयुक्त सचिव गणेश बिष्ट, विमल कुमार चौहान, संगठन मंत्री नवल बिनवाल सहित समस्त पदाधिकारी शामिल रहे।

14 thoughts on “लगातार मांग के बावजूद कर्मचारियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति न होने पर भारी नाराजगी

  1. A lot of what you point out happens to be supprisingly appropriate and that makes me ponder why I had not looked at this with this light before. This piece truly did turn the light on for me personally as far as this particular subject goes. Nevertheless there is 1 position I am not necessarily too comfortable with and while I try to reconcile that with the core idea of your issue, let me observe just what all the rest of the readers have to point out.Nicely done.

  2. My only disappointment is that they don t sell some of the newer and interesting SARMs, but it s a solid set of products for anyone looking to get into using SARMs, or for people wanting to stick to those with the most information and research around them buy priligy online

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

!-- Google tag (gtag.js) -->