Connect with us

नीलम का होमस्टे – आत्मनिर्भरता की मिसाल, होमस्टे योजना से चकराता की नीलम को मिली नई उड़ान

उत्तराखंड

नीलम का होमस्टे – आत्मनिर्भरता की मिसाल, होमस्टे योजना से चकराता की नीलम को मिली नई उड़ान

उत्तराखंड अपनी लोक संस्कृति, तीर्थ स्थल के साथ साथ साहसिक पर्यटन का केंद्र बन रहा है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी पर्यटन गतिविधियों को लगातार आगे बढ़ाने में जुटे है। पर्यटन गतिविधियों को लेकर प्रदेश सरकार के माध्यम से संचालित विभिन्न योजनाएं पहाड़ के लोगों के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। इसका जीता जागता उदाहरण देहरादून जनपद के चकराता ब्लॉक की रहने वाली नीलम चौहान ने पेश किया है। इन्हें हाल ही में रजत जयंती वर्ष के अवसर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वश्रेष्ठ होमस्टे संचालक के तौर पर पुरस्कृत किया गया।

चकराता ब्लॉक की ग्राम पाटी की निवासी नीलम चौहान ने वर्ष 2022-23 में स्वरोजगार हेतु पर्यटन विभाग की पंडित दीनदयाल उपाध्याय होमस्टे योजना के अंतर्गत 15 लाख की राजकीय सहायता प्राप्त कर होमस्टे व्यवसाय शुरू किया। पहाड़ी वास्तुकला से बना नीलम का ‘‘हरुल-ए-बुटीक होमस्टे’’ बड़े पैमाने पर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। साथ ही स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  आदि कैलाश में उत्तराखंड की पहली हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन मैराथन का ऐतिहासिक आयोजन*

चकराता की पहाड़ियों में बसा नीलम चौहान का 06 भवन और डाइनिंग हॉल समेत कॉटेज वाला हरुल-ए-बुटीक होमस्टे पर्यटकों को चकराता की सुंदर वीडियो का भी अनुभव कर रहा है। जहां से पर्यटक सीधे टाइगर फॉल, देवबन, बंदरपंच के बर्फीले शिखर के साथ चकराता की सुंदरता को निहार रहे हैं। पहाड़ी व्यंजनों जैसे मंडवा की रोटी, गहत का शूप, झगोरे की खीर का स्वाद इस होमस्टे में पर्यटकों का दिल छू रहा है। इस होमस्टे के व्यवसाय से नीलम प्रति वर्ष 25 से 30 लाख की आय अर्जित कर रही है। नीलम ने पर्यटकों की सुख सुविधाओं के साथ गांव के 07 लोगों को होमस्टे में रोजगार देकर जॉब गिवर के तौर पर भी मिसाल पेश की है।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्य सचिव ने धराली आपदा प्रभावितों के लिए राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की

नीलम चौहान ने बताया कि सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं वास्तव में महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। पर्यटन विभाग से पंडित दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना से उन्होंने अपना होम स्टे बनाकर तैयार किया। होमस्टे से वह सालाना 25 से 30 लाख की आय कमा रही है। उन्होंने बताया कि होमस्टे में पहाड़ी व्यंजनों के साथ यहां की सुंदरता भी पर्यटकों को काफी लुभा रही है। नीलम ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मिले पुरस्कार से मेरा आत्म मनोबल बड़ा है। महिलाएं इस रोजगार से जुड़कर अपने आप को आत्मनिर्भर बना सकती हैं।

यह भी पढ़ें 👉  प्रधानमंत्री जी ने किया ₹8,260 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण

जिला पर्यटन अधिकारी वृजेन्द्र पांडेय ने बताया कि जनपद देहरादून की चकराता निवासी नीलम चौहान ने पर्यटन विभाग की पंडित दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना का लाभ लिया। जिससे कि वे स्वरोजगार से जुड़कर न केवल आत्मनिर्भर बनी है, बल्कि आसपास के लोगों को रोजगार देकर एक प्रेरणा का काम कर रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहित करने हेतु युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के प्रति प्रतिबद्धता और पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल से आज चकराता की नीलम चौहान स्वरोजगार की राह पर अनेक लोगों के लिए भी प्रेरणा स्रोत का काम कर रही है।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

To Top